एक बच्चे को पेट्रोल डालकर जिन्दा जलाने की कोशिश , 42 दिन बाद बच्चे की मौत
बच्चे के परिजनों ने कोतवाली पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप, बच्चे का स्टेटमेंट नही किया गया रिकॉर्ड
कोतवाली पुलिस जुआ सट्टे की कार्यवाही में व्यस्त, महिला और बालक के उत्पीड़न जैसे गंभीर अपराधों में लापरवाही
सिवनी | जिला मुख्यालय सिवनी के भैरोगंज क्षेत्र के परतापुर रोड में हाल निवासरत फरियादी पप्पी बरमैया जो अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके इसके लिए शहर में आकर बनी मजदूरी का काम कर रहा है लेकिन एक दिन ऐसा मंजर आया कि बच्चा राज जो कि कक्षा 07 में अध्ययनरत था बच्चे के साथियों ने उसे परतापुर रोड में खेत के समीप नंगन अवस्था में पेट्रोल डालकर जिन्दा जलाने का प्रयास किया|लेकिन चलते राहगीरों ने इसकी सूचना एम्बुलेंस 108 में दी और बच्चे को शॉल से ढककर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया |जहा बच्चे की हालत इतनी गंभीर थी कि उसे जबलपुर मेडिकल रिफर किया गया|जहाँ उस पीड़ित बच्चे का उपचार चालू था पर स्थिति इतनी गभीर थी कि वही परिजनों कि आर्थिक स्थिति ठीक न होने से बच्चे को बेहतर उपचार नही मिल सका इसीलिए परिजनों ने पुनः जिला अस्पताल सिवनी में लाकर भर्ती कराया जहाँ उस बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई| रोहित मृतक बच्चे के घर बार बार बुलाने आता रहा, दूसरे दिन पेट्रोल डालकर आग लगा दिया बच्चे के परिजनों ने संकल्पित न्याय समाचार पत्र से चर्चा के दौरान बताया बीते 08 नवंबर दिन शुक्रवार को रोहित डहेरिया नामक लड़का जो कि मृतक बच्चे का दोस्त है वह सुबह 06 बजे मृतक राज बरमैया को बुलाने घर आया |जहाँ मृतक बच्चे ने अपने दोस्त के साथ बाहर जाने से मना कर दिया |जिसके उपरांत रोहित नामक लड़का पुनः समय 08 बजे मृतक बच्चे को बुलाने आया लेकिन मृतक बच्चे ने उसके साथ जाने से मना कर दिया |मृतक बच्चे के बार बार मना करने के बाद भी उसका साथी बुलाने घर आता रहा| दोपहर के समय ज़ब मृतक बच्चे के पिता पप्पी घर खाना खाने पहुंचा तब मृतक बच्चे के साथी रोहित की माँ ने उसे कॉल कर मृतक बच्चे को घर बुलाया न आने पर वह स्वयं मृतक बच्चे के घर पहुँच उसे धमकाया की तुझे घर के बाहर बुला रहें है तू क्यूं नही आ रहा है|दूसरे दिन 09 नवम्बर के माता पिता मजदूरी करने चले गए दोपहर के बाद मृतक बच्चे को उसके साथी रोहित, सुमित व अन्य साथियों ने जबरदस्ती परतापुर रोड के समीप खेत में ले गया |और वहा रोहित ने मृतक बच्चे को नग्न कर पेट्रोल डालकर आग लगा दिया |वह चीखने लगा वही राहगीरों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया |वही परिजनों ने बताया की उनके बेटा राज ने उन्हें बताया की रोहित ने किसी की गाड़ी से पेट्रोल निकालकर ले गया था और वह अंतिम सांस तक यही कहता रहा है कि मम्मी मुझे रोहित ने पेट्रोल डालकर आग लगाया और वह तड़पता रहा और आखिरकार दर्द से उसकी जान चली गई | 42 दिन बच्चा तड़पता रहा, कोतवाली पुलिस ने बच्चे का बयान और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य नही लिया मृतक बच्चे के माता पिता ने कोतवाली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारा बच्चा पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक बोलते रहा कि मम्मी रोहित ने पेट्रोल डालकर आग लगाया और रोते रहा लेकिन अस्पताल पुलिस चौकी से लेकर कोतवाली पुलिस ने बच्चे के बयान को लिखा नही साथ ही उसके इलेक्ट्रॉनिक बयान भी रिकॉर्ड नही किया |पुलिस गंभीर लापरवाही से एक बच्चे को न्याय न मिल सका| ज़ब कि पुलिस के पास भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता के तहत ऐसे गंभीर उत्पीड़न जैसे मामले में अंवेषण करने का अधिकार प्राप्त होता है फिर भी कोतवाली पुलिस ने 42 दिन बीत जाने के बाद भी मामले की विवेचना प्रारम्भ नही की गई |
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